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27 पंचांग योग

विष्कुम्भ योग से शूल योग

गण्ड योग से वरीयान योग

परिघ योग 

परिघ योग में जन्म लेने वाले लोग बुद्धिमान होते हैं, एवं कई विषयों का ज्ञान रखतें हैं। इस प्रकार बहुत विषयों का ज्ञान होने की वजह से समाज में इन्हे व् इनके परिवार को सम्मान के दृष्टिकोण से देखा जाता है, और ये अपने वंश का नाम ऊँचा करते हैं। सामान्यतः इस योग में जन्मे लोग शिक्षा आदि से जुड़े व्यवसाय में कार्य करते हैं, ये श्रेष्ठ कवि व् लेखक भी हो सकते हैं। परिघ योग में जन्मे लोग साहसी एवं उद्योगी प्रकृति के स्वामी होते हैं, एवं जोखिम लेने की इनमे सामान्य से अधिक क्षमता होती है। इस प्रकार ये स्वयं का व्यवसाय भी करते हैं, किन्तु व्यापार में इन्हे सामान्यतः आर्थिक रूप से सफलता प्राप्त करते में बहुत सी कठिनाईओं का सामना करना पड़ता हैं। सामान्यतः शारीरिक रूप से ये दुबले या कृशकाय होतें हैं एवं भोजन सीमित मात्रा में ग्रहण करते हैं।

सामान्यतः इस योग में जन्मे लोग किसी भी प्रकार के बुरे आचरण को ग्रहण या धारण करने की ओर अधिक आकृष्ट होते हैं। एवं इस प्रकार इनमे लालची एवं चंचल प्रकृति के स्वाभाविक गुण अधिक मात्रा में दृष्टिगत होते हैं इस योग में जन्मे कई लोगों में झूठी गवाही या पक्षपात पूर्ण होकर लोगों की जमानत भी ये जाने अनजाने में ले लेतें हैं।

इस योग में जन्मे लोग क्षमारहित शत्रुजयी होते हैं। अपने द्वारा किये कार्यों को स्पष्ट करना या पक्षपातपूर्ण तर्क करने की क्षमता भी इनमे अधिक होती है। 

शिव योग

इस योग में जन्मे व्यक्ति को धार्मिक स्थलों की यात्रा प्रिय होती है एवं व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिक स्थलों का भ्रमण अधिक करता है। इस योग में जन्मा व्यक्ति अपने जीवन में अपरिहार्य पवित्रता का पालन करने वाला होता हैं। इन्हें अपने स्वयं के स्वास्थ्य की चिंता अधिक नहीं होती किन्तु लोक सेवा का भाव इनके मन में सदैव विद्दमान रहता एवं किसी भी प्रकार कि भौतिक इच्छाओं से दूर रहकर अपेक्षाकृत पवित्र ह्रदय एवं दूसरों के प्रति मानवता पूर्ण व्यवहार इनका प्रथम लक्ष्य होता हैं। इश्वर के प्रति आस्था एवं पवित्र आत्मा इनके चरित्र में दर्शनीय गुण है, इन्हें अपने सामाजिक जीवन में मान सम्मान की प्राप्ति अवश्य होती है। अपने जीवन के उत्तरार्ध में ये सामान्यतः सन्यास ग्रहण कर संत फकीरों आदि की भांति जीवन में अपेक्षित परिवर्तन करते देखे जाते हैं।

सिद्ध योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के व्यवसायों को करने में चतुर होता है।  इस योग में जन्मे लोगों को सुन्दर व् बुद्धिमान जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।  इन्हें प्रचुर मात्रा में धन की प्राप्ति होती है एवं ये सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। कुछ परिस्तिथियों में सिद्ध योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अन्य लोगों के लिए या किसी संस्था विशेष के लिए गुप्त सुचना या जासूसी से जुड़े कार्य करता हैं।

साध्य योग

साध्य योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति कई प्रकार के कार्यों का ज्ञान रखने वाला एवं उन्हें करने में दक्ष होता है। अपने गुरु व् मालिक के प्रति सदैव कर्तव्य निष्ठ रहता है विद्द्वान एवं उदार व्यक्तित्व का स्वामी भी होता है ये योग व्यक्ति को दृढ बनाता है एवं आत्मविश्वास अधिक देता है। इस योग में जन्मे व्यक्ति को ऊँची शिक्षा प्राप्त होती है दूसरों के द्वारा षड्यंत्र का शिकार होकर इन्हें कई बार अपमानित भी होना पड़ता है एवं इस प्रकार कई बार मानसिक रोगों का सामना इन्हें करना पड़ता हैं। जीवनसाथी से जुडी मानसिक परेशानियों का भी सामना इन्हें करना पड़ता है, धैर्य एवं संयम इस योग में जन्मे व्यक्ति का प्रबल गुण है। ये अपने द्वारा किये कार्य या मेहनत के परिणाम का संयम से इंतजार करते हैं इस प्रकार अधिक समय लेकर निर्णय तक पहुँचते हैं। 

शुभ योग

शुभ योग में जन्म लेने वाले लोग भाग्यशाली माने जाते हैं, ये सही मार्ग पर चलने वाले होते हैं, क्रोध की  इनमे कमी होती है पवित्र हृदय वाले एवं दुसरो के सुख व् खुशी का कारण बनते हैं। जैसा कि नाम से स्पष्ट है की ये एक शुभ योग है, इस  योग में जन्मा व्यक्ति शुभ कर्मो से युक्त धनवान सर्व साधन संपन्न दानी स्वभाव मधुरभाषी एवं सामान्यतः  शुभ लक्षणों से संपन्न होता है। इस योग में जन्मे लोग सामान्यतः दुष्कर्मो एवं दुष्कर्मो इत्यादि को बढ़ावा देने वाले लोगो से स्वयं को दूर रखते हैं इनका मातृ  पक्ष सभी प्रकार से संपन्न एवं सक्षम होता है एवं इन्हें सभी प्रकार से सहायता करता है ये अपने जीवन में साधन संपन्न होने पर भी स्वयं के लिए नहीं बल्कि समाज के विकास से जुड़े कार्यों में संघर्षरत रहते हैं।

शुक्ल योग

शुक्ल योग में जन्मे लोग कला के लगभग सभी पक्षों में कुशल होते हैं विशेषतः कविता पाठ, शायरी एवं गायन आदि में इन लोगों की विशेष रूचि होती है, शुक्ल योग में जन्मा व्यक्ति उच्चाकांक्षी होता है, एवं जीवन में माता की कृपा दृष्टि से लाभान्वित होता है। अन्य सभी योगों में जन्मे लोगों की अपेक्षा माता का सहयोग इस योग में जन्मे लोगों को अधिक प्राप्त होता है एवं इनकी माता की आयु पूर्ण होती है।  इस प्रकार से माता का ‘’समर्थन एवं सहयोग’’(अधिक लाड एवं प्यार) प्राप्त होने से ये जीवन में अधिक समय लेकर परिपक्व होतें हैं, और सामान्यतः अपने जीवन में तमाम तरह की इच्छाओं व् अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए बहुत से सफल असफल प्रयास करते है। इस प्रकार जाने अनजाने में ये कई बार न्याय अन्याय सही गलत इत्यादि की समझ खो बैठते है, और केवल अपने उच्चाकांक्षी लक्ष्यों से जुड़े भ्रमजाल में डूबे रहना पसंद करते हैं। जीवन साथी का भी सहयोग इन्हें सामान्य महसूस होता है किन्तु जीवन के अंतिम हिस्से में संतानों की युवावस्था में इन्हें अपेक्षाकृत सफलता दृष्टिगत होती है।

ब्रह्मा योग

ब्रह्मा योग में जन्म लेने वाले जातक मीठी वाणी बोलने वाले, शक्तिशाली प्रतिभाशाली पवित्र आचरण  धारण करने वाले होते हैं ,ईश्वर में इनका अटूट विशवास होता है, ब्रह्मा योग में जन्मे लोग अच्छे बुरे सभी प्रकार के समय में धन को प्राप्त करने की अपेक्षा ज्ञान को प्राप्त करने के अभिलाषी होते हैं, अर्थात इन जातकों के लिए जीवन में उच्च शिक्षा का मह्त्व धन से अधिक है! सदैव ये ब्रह्मज्ञान के अभिलाषी होते हैं ,एवं ज्ञान को प्राप्त करने की ओर ही अग्रसर रहते हैं। इस योग में जन्मे जातक के जीवन में कैसी भी परिस्तिथियाँ हो, ये सभी प्रकार के हालातों का सामना अपने स्वज्ञान के आधार पर करने में सक्षम होते हैं। इन्हें जीवन में बहुत सी विपरीत परिस्तिथियों का सामना अवश्य करना पड़ता है। जीवन के उतरार्ध में इन्हें मान सम्मान इत्यादि सभी कुछ प्राप्त होता है एवं ये इस प्रकार पूजनीय जीवन जीते हैं।

ऐन्द्र योग 

इस योग में जन्म लेने वाले लोग सभी प्रकार की सुख सुविधाओं से संपन्न होते हैं, इस योग में जन्मा जातक अपने कुल में श्रेष्ठता को प्राप्त होता है। शक्ति एवं सम्मान का अभिलाषी होता हैं, इस प्रकार ये राजनीतिक जीवन का चुनाव स्वतः ही कर लेतें हैं सामन्यतः इन्हें राजनीतिक जीवन में अपेक्षाकृत सफलता भी प्राप्त होती है। किन्तु यदि ये सामजिक जीवन में दुष्कर्मो या अनैतिक गतिविधियों को मान्यता प्रदान करते हैं, तो इन्हें अपने जीवन में बहुत सी अपमानजनक परिस्तिथियों एवं कठिनाईयों का सामना अवश्य करना पड़ता है, और ऐसे हालात बनने पर किसी भी प्रकार की बुद्धिमता एवं चालाकी से लिया गया निर्णय इन्हें अन्य कई प्रकार से क्षति पहुँचाता है।

वैधृति योग

वैधृति योग में जन्म लेने वाला जातक शिकायत करने की प्रवृत्ति वाला, जीवन  की प्रारंभिक अवस्था में चित से चंचल, एवं सामान्यतः  लोभी प्रवृत्ति को धारण करता है। इस योग में जन्मा जातक  सामन्यतः पिता या जीवन साथी के सुख में  भारी आभाव महसूस करता है कई प्रकार की परेशानियों में जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा एकांतवास को प्राथमिकता देना भी योग में देखा जाता है। असत्य जीवन एवं बुरे कर्मो को मान्यता ये आसानी से दे देतें हैं, एवं इस कारण कई प्रकार के कष्ट एवं असाध्य रोगों एवं धन के आभाव का सामना इन्हें करना पड़ सकता है।

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