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सप्ताहांत

सप्ताहांत

रविवार सोमवार एवं मंगलवार

बुधवार व् गुरूवार

शुक्रवार

शुक्रवार सप्ताह का छठा दिन है।  शुक्रवार के स्वामी देवता दैत्य गुरु शुक्राचार्य (शुक्रदेव) हैं।  पुराणों में इस दिन का सम्बन्ध माता लक्ष्मी, से भी माना जाता है एवं इस दिवस पर देवी लक्ष्मी माँ को भी स्वामित्व प्राप्त है।  शुक्रवार की इस्लाम धर्म में एक पवित्र दिन के रूप में मान्यता है।  शुक्रवार के दिन जन्मे लोगों पर शुक्र ग्रह का प्रभाव देखा जा सकता है। 

शुक्र ग्रह एक राजसिक स्वभाव आकाशीय या मिथिकीय पिंड है, एवं इनके प्रभाव से इस दिन जन्मे व्यक्ति को ऐश्वर्य शाली जीवन की अभिलाषा होती है।  शुक्रवार को जन्मे लोग सामान्यतः सुन्दर रूप वाले, हंसमुख स्वभाव वाले, एवं काम क्रीडा आदि में अपेक्षाकृत अधिक रूचि रखने वाले होते हैं।  इस दिन जन्मे लोग अकेला रहना पसंद नहीं करते, एवं इनके मित्रो की संख्या अधिक होती है।  शुक्रवार के दिन जन्मे लोगों की रूचि संगीत,चित्रकला,लेखन,चलचित्र, फैशन इत्यादि एवं विशेष रूप से औषधि विज्ञानं, ज्योतिष विज्ञानं में भी होती है।  इस दिन जन्मे लोगों की ललित कलाओं के प्रति विशेष रूचि होती है, एवं स्वयं भी किसी न किसी कला में पारंगत होते हैं।  शुक्रवार को जन्मे लोग जीवन मौज मस्ती से व्यतीत करने के पक्षधर होते हैं।  इस दिन जन्मे लोग विरोधिओं को भी अपने पक्ष में करने की कला जानते हैं।  इनमे एक विशेष आकर्षण होता है, जिससे ये अपने मित्रो के दायरे में लोकप्रिय होतें है।  शुक्रवार को जन्मे लोगों में विपरीत लिंग के प्रति एक विशेष आकर्षण होता है।  इस दिन जन्मे लोग लड़ाई झगड़ो एवं तमाम झंझटों से स्वयं को विशेष रूप से दूर रखना चाहेंगे एवं अपनी नीति से इसमें सफल भी रहेंगे।   शुक्रवार को जन्मे लोग सामान्यतः बहुत कुटिल होते हैं, एवं दूसरों के मन के विचारों का पता लगाने के लिए बातचीत की कला का ये लोग अवश्य लाभ उठाते हैं, एवं हर संभव प्रयास करते हैं कि कोई दूसरा इनका इसी प्रकार का लाभ न उठा सके।  इस दिन जन्मे लोग मनोरंजन से जुड़े साधनों एवं अपने मनोरंजन के लिए बहुत सा धन व्यय कर देते हैं।  शुक्रवार को जन्मे लोगों के मन की बात इनका जीवन साथी भी आसानी से नहीं जान पाता, एवं अपना जीवन इनके साथ सामान्यतः भ्रम की स्तिथि में व्यतीत करता है।  इस दिन जन्मे लोगों का वैवाहिक जीवन सामान्यतः सफल कहा जा सकता है। 

शुक्रवार को जन्मे लोगों का स्वयं का जीवन सभी प्रकार के ऐश्वर्य का भोग करते हुए बीत रहा हो, परन्तु फिर भी एक प्रकार की स्वाभाविक इर्ष्या इनमे विद्यमान रहती है, एवं अन्य लोगों को विकास करते हुए ये लोग सामान्यतः असहज महसूस करते है, ये इस दिन जन्मे लोगों में एक विशेष अवगुण होता है, जो अपेक्षाकृत इस दिन जन्मे लोगों में अधिक पाया जाता है, जिससे बचने का अधिक से अधिक प्रयास इन्हें करना चाहिए, ताकि इन्हें भाग्य में किसी भी प्रकार की अडचनों का सामना न करना पड़े।   इस दिन जन्मे लोगों में विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण होता है, जिस कारण इन्हें जीवन में इस आकर्षण से जुडी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।  शुक्रवार को जन्मी स्त्रियों का सुन्दर वस्तुओं, भौतिक सुन्दरता के प्रति एक विशेष लगाव होगा एवं सामान्यतः ये भी सुन्दर होती हैं।  इस दिन जन्मी स्त्रियों को फैशन,साज श्रृंगार आदि इन्हें अपेक्षाकृत अधिक प्रिय होगा। शुक्रवार को जन्मी स्त्रियों का नए नए वस्त्रों आदि एवं बाजार से खरीददारी करने के प्रति एक विशेष रुझान होगा।  इस दिन जन्मी स्त्रियों की वाणी अपेक्षा कृत अधिक मधुर होगी एवं ये इसी कारण लोकप्रिय भी होंगी।  वैवाहिक जीवन आपका सामान्यतः अच्छा रहेगा किन्तु अपने साथी के प्रति जल्दबाजी में गुस्सा करने एवं नाराजगी से बचें। 

यहाँ ध्यान रहे कि शुक्र ग्रह की दोनों चन्द्र राशियाँ वृषभ और तुला का स्वभाव मिश्रित है, एवं शुक्र एक राजसिक ग्रह हैं, इस प्रकार उपरोक्त लिखित फल कथन इन दोनों राशिओं पर सामान्यतः शुक्र ग्रह के स्वभाव अनुसार ही मिश्रित फल देंगे, एवं शुक्र ग्रह की इन दोनों राशिओं में जन्मे जातकों का संयोगवश शुक्रवार के दिन जन्म होने पर अधिक मात्रा में उपरोक्त वर्णित फलकथन दृष्टिगत भी होंगे।  जीवन में भोग विलास एवं मौज मस्ती शुक्र ग्रह के स्वाभाविक गुण है,  एवं इस मार्ग में बाधा आने पर कुटिलता का स्वभाव भी इनमे सामान्यतः दृष्टिगत है।  और लगभग यही गुण हमे शुक्र की इन दोनों राशिओं के जातकों के स्वभाव में चिन्हित भी होते हैं।  स्मरण रहे शुक्र की इन दोनों (वृषभ एवं तुला) राशिओं के अतिरिक्त अन्य राशियों पर शुक्रवार का जन्म होने का प्रभाव उपरोक्त फल कथन के अतिरिक्त जिस चन्द्र राशि में व्यक्ति का जन्म हुआ है, उस राशि के स्वामी व् कुंडली में ग्रहों की स्तिथि के साथ, शुक्र ग्रह के सामान्य व्यवहार पर भी निर्भर है। 

शुक्रवार को जन्मे लोगों को नाक, गले, फेफड़ों,गुर्दे एवं जनन अंगों से जुड़े रोगों एवं समस्याओं का सामना  करना पड़ता है। 

शुक्रवार को दक्षिण पश्चिम दिशा में दिशाशूल कि मान्यता है।  यदि इस दिन दक्षिण पश्चिम दिशा की यात्रा अतिआवश्यक है, तो जौ का सेवन कर यात्रा का आरम्भ करना चाहिए।  अन्यथा जिस कार्य के लिए आप यात्रा कर रहे हैं, उस कार्य के पूर्ण होने में संदेह है एवं विघ्नों का सामना करना पड़ सकता है। 

शुक्रवार को सामन्यतः माँ दुर्गा के स्वरूप संतोषी माता, देवी लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए एवं शुक्र ग्रह की शांति के लिए भारतीय समाज में व्रत का प्रचलन है।  शुक्रवार का दिन शास्त्रों में देवियों से विशेष कृपा प्राप्त करने का दिवस भी माना गया है, एवं इस दिन लक्ष्मी माता,संतोषी माता,माँ अन्नपुर्णा, माँ मंगला गौरी आदि की आराधना कर इन्हें प्रसन्न करने वाले लोग सभी भौतिक सुखों की अभिलाषा कर सकते हैं।  मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत करने से दाम्पत्य जीवन में भी सुख की अभिलाषा की जा सकती है।  इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्यों से भी खट्टे पदार्थों का त्याज्य अपेक्षित है। 

शनिवार

शनिवार सप्ताह का सातवाँ दिन है शनिवार के स्वामी शनि ग्रह माने गए हैं! शनिवार को जन्मे लोगों पर शनि ग्रह का प्रभाव सामान्यतः दृष्टिगत होता है। 

शनिवार को जन्मे लोग सामान्यतः अपने कार्य धीमी गति से संपन्न करते है।  किन्तु यदि इस दिन जन्मे जातक किसी लक्ष्य को ठान लें तो उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर अनुशाशन के साथ प्रयासरत भी देखे जा सकते हैं और देर सवेर ऊँचे से ऊँचा लक्ष्य भी प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।  शनिवार को जन्मे लोगो को इनके धीमेपन की वजह से आलसी एवं लापरवाह की संज्ञा भी दी जाती है।  इस दिन जन्मे लोगों को योजना अनुरूप कार्यों को सही समय में पूरा करने में भी परेशानियों का सामना करते हुए प्रायः देखा जा सकता है।  शनिवार को जन्मे लोग सामान्यतः हंसमुख स्वभाव के होते हैं, इस दिन जन्मे लोग प्रेम आदि विषयों में रूचि लेने वाले एवं अच्छे प्रेमी भी होते हैं।  शनिवार को जन्मे लोग कंजूस प्रवृति के होते हैं, एवं इन्हें हमेशा धनाभाव महसूस होता रहता है।  इस दिन जन्मे लोगों को अधिक यथार्थवादी होने के कारण धन के प्रति संतुष्टि प्रायः कम ही देखने को मिलती है।  शनिवार को जन्मे लोगों में जीवन में हर प्रकार के कष्टों को सहने का साहस होगा एवं सामान्यतः किसी भी परिस्तिथि में इस दिन जन्मे लोगों को विचलित होते हुए नहीं देखा जा सकता।  शनिवार को जन्मे लोगों पर शनि ग्रह के प्रभाव के कारण सामान्यतः दाम्पत्य जीवन में तमाम तरह के उतार चढाव की स्तिथिओं का सामना करना पड़ता है।  शनिवार को जन्मे लोग अपने जीवन में हुए किसी भी प्रकार के अपमान को आसानी से नहीं भूल पाते।  इस दिन जन्मे लोग विरोध की परिस्तिथि में सामान्यतः और अधिक सफलता प्राप्त करते हुए देखे जा सकते हैं। 

शनिवार को जन्मी स्त्रियाँ सामान्यतः सौम्य एवं गंभीर स्वभाव की होती हैं एवं इस दिन जन्मी स्त्रियों के चेहरे का रंग सामान्यतः गहरा होता है।  शनिवार को जन्मी स्त्रियाँ कोई भी कार्य धैर्य लगन एवं दृढ भाव से संपन्न करती हैं, इस दिन जन्मी स्त्रियों के कार्य धीमी गति से पूर्ण होते हैं एवं इस विषय में लोग इन्हें आलसी भी समझ लेते हैं। इस दिन जन्मी स्त्रियों का दाम्पत्य जीवन सामान्यतः सुखद व्यतीत होता है एवं इन्हें आकर्षक साथी की प्राप्ति होती है। 

ध्यान रहे यदि व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्र राशि मकर है, जो कि शनि देव की सौम्य एवं मिश्रित स्वभाव राशि है, उसमे उपरोक्त लिखे फल कथन के साथ शनिवार का जन्म व्यक्ति को मकर राशि अनुसार सौम्य या मिश्रित स्वभाव प्रदान करेगा।  और यदि जन्म कुंडली में चन्द्र राशि कुम्भ है, जो कि शनि देव की एक क्रूर एवं मिश्रित स्वभाव राशि है,  तो कुम्भ राशि में उपरोक्त लिखे फल कथन अनुसार शनिवार का जन्म व्यक्ति को कुम्भ राशि अनुसार क्रूर एवं मिश्रित स्वभाव प्रदान करेगा।  अन्य राशियों पर शनिवार का जन्म होने का प्रभाव उपरोक्त फल कथन के अतिरिक्त जिस चन्द्र राशि में व्यक्ति का जन्म हुआ है, उस राशि के स्वामी व् कुंडली में ग्रहों की स्तिथि के साथ, शनि ग्रह के सामान्य व्यव्हार पर भी निर्भर है। 

इस दिन जन्मे लोगों को पेट से जुड़े रोग,चमड़ी  से जुड़े विभिन्न रोग शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द एवं बवासीर आदि रोगों का सामना करना पड़ सकता है। 

भारतीय समाज में शनिवार से जुडी कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जैसे शनिवार को बाल नहीं कटवाने चाहिए क्योंकि शास्त्र अनुसार ये वर्जित है।  शनिवार को किसी भी स्तिथि में मदिरा पान या किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए या अन्य शब्दों में यदि कोई व्यक्ति शनिवार को किसी भी प्रकार का नशा करता है तो उसे शनि ग्रह द्वारा उत्पन्न विभिन्न समस्याओं एवं दुखों का सामना करना पड़ सकता है।  शनिवार को लोहा, लोहे से जुडी वस्तुएं  एवं तेल इत्यादि वस्तुएं लेकर घर नहीं आना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इससे शनि ग्रह से जुड़े दोषों में वृद्धि संभव है।  शनिवार को गरीबो एवं सेवकों के लिए भोजन इत्यादि का प्रबंध करना चाहिए।  शनिवार को शनि देव के निमित्त व्रत उपवास करना चाहिए।  प्रत्येक दिवस हनुमान जी की विधिपूर्वक आराधना करनी चाहिए।  ऐसी मान्यता है की हनुमान जी के प्रति भक्ति भाव रखने वाले लोगों पर शनि देव किसी प्रकार का बुरा प्रभाव नहीं करते हैं। 

शनिवार को उत्तर पूर्व दिशा में दिशा शूल कि मान्यता है।  यदि इस दिन उत्तर पूर्व दिशा कि यात्रा अतिआवश्यक है, तो उड़द या अदरक का सेवन कर यात्रा का आरम्भ करना चाहिए।  अन्यथा जिस कार्य के लिए आप यात्रा कर रहे हैं, उस कार्य के पूर्ण होने में संशय है एवं विघ्नों का सामना करना पड़ सकता है। 

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