Menu
  • मुख्य पृष्ठ
    • लाभनिरपेक्ष अनुसंधात्मक कार्य
  • अंक ज्योतिष
    • अंक एक से अंक तीन
    • अंक चार से अंक छः
    • अंक सात से नौ
  • वैदिक ज्योतिष
    • नवग्रह परिचय
    • पंचांग
      • करण
      • वार
      • विष्कुम्भादि योग
      • विष्कुम्भादि 27 योग
      • 27 पंचांग योग
    • शुक्ल पक्ष
      • शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से चतुर्दशी
      • पूर्णिमा
    • कृष्ण पक्ष
      • कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से चतुर्दशी
      • अमावस्या
    • बारह राशियाँ
      • राशि तत्व आदि
  • नक्षत्र
    • नक्षत्र १ से ९
      • अश्विनी
      • भरणी
      • कृतिका
      • रोहिणी
      • मृगशिरा
      • आद्रा
      • पुनर्वसु
      • पुष्य
      • अश्लेषा
    • नक्षत्र १० से १८
      • मघा
      • पूर्वाफाल्गुनी
      • उत्तराफाल्गुनी
      • हस्त
      • चित्रा
      • स्वाति
      • विशाखा
      • अनुराधा
      • ज़्येष्ठा
    • नक्षत्र १९ से २७
      • मूल
      • पूर्वाषाढ़ा
      • उत्तराषाढ़ा
      • श्रवण
      • धनिष्ठा
      • शतभिषा
      • पूर्वा भाद्रपद
      • उत्तर भाद्रपद
      • रेवती
    • नक्षत्र मेलापक
      • अश्विनी नक्षत्र से मृगशीर्ष (वृष) तक
        • अश्विनी नक्षत्र मेलापक तालिका
        • भरणी नक्षत्र मेलापक तालिका
        • कृत्तिका (मेष) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • कृत्तिका (वृष) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • रोहिणी नक्षत्र मेलापक तालिका
        • मृगशीर्ष (वृष) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • मृगशीर्ष (मिथुन) नक्षत्र से आश्ळेषा तक
      • मृगशीर्ष (मिथुन) नक्षत्र से आश्ळेषा तक
        • मृगशीर्ष (मिथुन) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • आर्द्रा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पुनर्वसु नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पुनर्वसु (कर्क) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पुष्य नक्षत्र मेलापक तालिका
        • आश्ळेषा नक्षत्र मेलापक तालिका
      • मघा नक्षत्र से चित्रा (कन्या) तक
        • मघा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र मेलापक तालिका
        • उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र मेलापक तालिका
        • उत्तर फाल्गुनी (कन्या) नक्षत्र मेलापक तालिका
        • हस्त नक्षत्र मेलापक तालिका
        • चित्रा नक्षत्र मेलापक तालिका
      • चित्रा (तुला) नक्षत्र से ज्येष्ठा तक
        • चित्रा नक्षत्र(तुला) मेलापक तालिका
        • स्वाति नक्षत्र मेलापक तालिका
        • विशाखा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • विशाखा नक्षत्र मेलापक तालिका-वृश्चिक
        • अनुराधा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • ज्येष्ठा नक्षत्र मेलापक तालिका
      • मूल नक्षत्र से धनिष्ठा (मकर) तक
        • मूल नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पूर्वाषाढा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • उत्तराषाढा नक्षत्र मेलापक तालिका
        • उत्तराषाढा नक्षत्र मेलापक तालिका (मकर)
        • श्रवण नक्षत्र मेलापक तालिका
        • धनिष्ठा नक्षत्र मेलापक तालिका
      • धनिष्ठा (कुम्भ) नक्षत्र से रेवती तक
        • धनिष्ठा नक्षत्र मेलापक (कुम्भ)
        • शतभिषक् नक्षत्र मेलापक तालिका
        • पूर्वभाद्रपद नक्षत्र मेलापक
        • पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र मेलापक (मीन)
        • उत्तरभाद्रपद नक्षत्र मेलापक
        • रेवती नक्षत्र मेलापक
  • कार्य व्यवसाय
    • लेखन
    • अनुसंधानकर्ता
  • वास्तु
  • लाल किताब
    • काल पुरुष की भाव कुंडली
      • खाना संख्या एक से तीन
      • खाना संख्या चार से छह
      • खाना संख्या सात से नौ
      • खाना संख्या दस से बारह
  • वर्ग समूह साइटें
    • अंग्रेजी ज्योतिष ब्लॉग
हिन्दी ज्योतिष ब्लॉग

खाना संख्या दस से बारह

खाना संख्या एक से तीन

खाना संख्या चार से छह

खाना संख्या सात से नौ

खाना संख्या दस से बारह

यदि नवां भाव भाग्य स्थान है तो दसवां भाव कर्म स्थान कहलाता है! इस भाव से व्यवसाय, कारोबार,पद,मान सम्मान, तरक्की, उन्नति, कीर्ति, कर्म,व्यक्ति द्वारा किये जाने वाले कार्य से प्राप्त होने वाला अच्छा या बुरा परिणाम, यज्ञ, उद्द्योग धंधा, व्यापर, सरकार से यश, सम्मान, नौकरी, अधिकार, आचरण, सफलता,सांसारिक गतिविधियाँ, धार्मिक उत्सव, प्रबंध शासन, हुकूमत करना, सरकार, मंत्री, तीर्थ यात्रा लाभ, माता पिता की क्रिया, जज, घुड़सवारी, खेती बाड़ी, गोद लिया पुत्र, नेता, संतान का स्वास्थ्य,छोटे भाई को खतरा, प्रवास, ऋण, तरक्की, पदवी पाना, पितृ सुख आदि का विचार होता है ! इस भाव का प्रभाव विशेष रूप से घुटनों पर होता है।  

इस भाव को आय या लाभ स्थान भी कहते हैं! इस भाव से अनेक तरह के लाभ, इच्छापूर्ति, आशा, उम्मीद ,आभूषण, द्रव्य लाभ, हाथी, घोड़े, पालकी, स्थाई मित्र, मित्र सुख, विद्या लाभ, परिवार, रिश्तेदार, दामाद, समाज, मनोकामना, कारोबार, नौकरी लाभ और उन्नति,तरक्की, रोगों से मुक्ति, बड़ा भाई, सोसाइटी, साथी, सलाहकार, अन्तराष्ट्रीय सम्बन्ध, चुनाव, पिता की छोटी यात्रायें, पत्र व्यवहार द्वारा लाभ,सुख, धान्य, शिक्षा का लाभ, ऐश्वर्य, लाभ, सुख संवृद्धि आदि विचारा जाता है! इस भाव का प्रभाव बाएं कान, दाहिने पैर, तथा पिंडलियों पर होता है।  
बारहवां भाव ही व्यय स्थान भी कहलाता है।  इसी भाव से गुप्त विद्या, अध्यात्मिक विद्या, मोक्ष, दंड, कैद, जुर्माना, शत्रु, खर्चा, हानि, नुक्सान, दान, गृहस्थी पर व्यय, पाखंड, फरेब, गुप्त कार्य, आत्म हत्या, सरकारी सजा, अर्थात राज दंड, सरकारी भय, अथवा संकट, कर्ज ठगी, किसी को घेरना पकड़ना, विघ्न पड़ना, दुःख, धोखा होना, घर से विद्रोह, घर से बाहर रहना, दूर दूर की यात्रा, विदेश यात्रा, दुर्भाग्य, गरीबी, हस्पताल, जेल खाना, पागलखाना, हत्या, बदनामी, बिना मनोरथ इधर उधर घूमना, रात्रि सुख, विश्राम, शय्या सुख, विदेश में जीवन, कुटुंब से अलग होना, हीन भावना, गुप्त दीर्घ रोग, हस्पताल में दाखिल होना, कठिनाइयाँ रुकावटें, रहस्यमय और अनहोनी घटनाएँ, गुप्त योजनायें, खोज, गुप्त विद्या लाभ, पशुओं जानवरों से भय, घर से दूर तरक्की उन्नति, जीवन का अँधेरा हिस्सा, मनमानी करना, हानि झेलना, ब्लैकमेल करना, पत्नी की बीमारी, संतान को रुकावटें तथा अडचने, माता की लम्बी यात्राएं, छोटे भाई का कारोबार, क्रोध भ्रम नौकरी छुटना, राजकीय संकट या भय आदि का विचार किया जाता है! इस भाव का प्रभाव बाएँ कान, आँख, पैर पैर का पंजा उंगली व् तलवों पर होता है।

Recent Posts

  • रेवती नक्षत्र मेलापक
  • उत्तरभाद्रपद नक्षत्र मेलापक
  • पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र मेलापक (मीन)
  • पूर्वभाद्रपद नक्षत्र मेलापक
  • शतभिषक् नक्षत्र मेलापक तालिका

Recent Comments

    Archives

    • January 2022
    • October 2021
    • September 2021
    • May 2021
    • April 2021
    • March 2021
    • January 2021
    • December 2015
    • March 2014

    Categories

    • Uncategorized

    Meta

    • Log in
    • Entries feed
    • Comments feed
    • WordPress.org

    Archives

    प्रायवेसी पॉलिसी
    ©2022 हिन्दी ज्योतिष ब्लॉग | WordPress Theme by Superbthemes.com