व्यवसाय …..जज, वकील, बैंकर, खजांची, लेखा परीक्षक, निदेशक, रेल विभाग, जल विद्युत, वित्त मंत्रालय कर्मचारी, खाद्य चीनी, सिल्क, मिठाई, बेकरी बिसकुट उद्योग, सड़क निर्माण, वायुयान यात्रा कर्मचारी, देवी का मंदिर, सामाजिक विज्ञान, समाज कल्याण अधिकारी, पुरस्कार प्राप्त करने वाले कार्य, पुरस्कार देने की स्, संस्थान अध्यक्ष, पशु चिकित्सक, संगीत सिनेमा, आकाशवाणी बैंक टीवी कलाकार, अभिनेता, विदेश व्यापार, वस्त्र निर्माण, शृंगार सामग्री, स्टॉक एक्स्चेंज, रेस्तरा, हास्पिटल संचालक, साझेदार देशी दवाएं, फीजीशियन, जच्चा बच्चा हस्पताल, स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र आदि॥ शुक्र के नक्षत्र मे पैदा हुए अधिकांश जातक दूसरों से सम्मान प्राप्त करने वाले, बचपन मे दुखी, मध्यवस्था मे सुखी, प्रबल कामी, अनेक स्त्रियों से संसर्ग रखने वाले हो सकते हैं! ऐसे जातक एकांतप्रिय दुर्बल शरीर वाले, अल्पायु, पिता के कष्ट से पीड़ित, मानसिक रोगी, अनेक चिंताओं से ग्रस्त, कार्यकुशल तथा शीघ्र सफलता प्राप्त करने वाले माने जाते हैं! १४४
वृहमिहिर के वृहत जातक के अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मे जन्मे व्यक्ति को सुंदर सुशील जीवनसाथी की प्राप्ति सहज हो सकती है, ये गौरवशाली एवं स्थायी मित्र होते हैं।
यवन के यवन जातक के अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मे जन्मे जातक साधारणतः अपने जीवनसाथी के प्रति ही निष्ठावान या समर्पित देखे जाते हैं। ये प्रतिष्ठित होते हैं, कष्ट सहने का सामर्थ्य एवं शूरवीरता भी इनके गुण या आभूषण हैं। तैत्रेय ब्राह्मण के अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का आधिपत्य जल देवता के पास है, इसमे वर्चोंग्रहणा शक्ति का वास है जो जीवंतता का पर्याय है। इसका ऊपर की ओर आधार उग्रता या बल है और नीचे की ओर आधार संपर्क या संयोजन है। इन सबसे इसमे तेज या चमक आती है, पूर्वाषाढ़ा पवित्रता और पुनर्जीवन को जीवन मे जुटाता है। जैसे नहाने से शरीर ऊर्जावान महसूस करता है ठीक वैसे ही ये नक्षत्र हमारे प्रयासों के लिए अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करने की ओर संकेत करता है। ये प्रभाव जल से प्रवाहित होकर आते हैं। जो इस संदर्भ मे दिव्य स्वभाव के हैं और कुलमिलाकर आंतरिक पवित्रता के द्योतक हैं।