व्यवसाय अध्यापक, गति विज्ञान, सांख्यिकी, खगोल, ज्योतिष, चिकित्सा, आयुर्वेद, वायुयान विभाग, नगर पालिका, नगर निगम गैर सरकारी प्रतिस्थान, स्टॉक एक्स्चेंज, शेयर दलाल, विमान कर्मचारी, वित्त निगम, वित्त मंत्रालय, आयकर बीमा, भ्रष्टाचार निरोध, गुप्तचर सेवा, परिवार नियोजन, प्रकाशन, मुद्रण, ट्रेजरी, रक्षक, परिचालक, अध्यक्ष, उत्पादक, राजनीतिज्ञ, प्रोफेसर, व्याख्याता, मंत्री, पार्षद, राष्ट्रपति, कानून विशारद,() विद्वान, धार्मिक अथवा वित्तीय कार्यों से सम्बद्ध, न्यायधीश,ट्रस्टी, जेल निरीक्षक, सुधार समिति का अध्यक्ष, हस्पताल का अधीक्षक, नगर पालिका शरणार्थी शिविर, योजना आयोग, टाउन एरिया, मेयर नियंत्रक, पर्यटक, अन्वेषण अनुसंधान, फिजीशियन, सर्जन, बैंक अधिकारी, विनिमय, युद्धबंदी, सार्वजनिक निकाय, प्रकाशक, पुस्तक विक्रेता, विश्लेषक कथावाचक,
बृहस्पति के नक्षत्र मे पैदा हुए अधिकांश जातक ईश्वरभक्त स्त्रियों से संकोच करने वाले, वृद्धावस्था मे अकस्मात ही धन प्राप्त करने वाले, यात्राप्रिय, कवि, लेखक और कानून अथवा तकनीकी एवं वैज्ञानिक कार्यों मे सफल माने जाते हैं
शिक्षण अथवा शिक्षा संबंधी व्यवसायों मे इनकी रुचि होती है, महत्वाकांक्षी, उच्चस्तर का कार्य करने वाले, शुद्ध विचारशक्ति से युक्त एवं सत्यनिष्ठ होते हैं, ये जातक शिक्षापूर्ण और सम्मानदायक व्यवसायों को ही चुनते हैं! राजनीति दर्शन एवं पुराण आदि शास्त्र चर्चा मे विशेष अभिरुचि रखते हैं! धन की कमी इन्हे कभी नहीं रहती ॥ १९३
व्रहमिहिर के बृहत जातक पूर्वा भाद्रपद मे जन्मा व्यक्ति साधारणतः शोकर्त या खेदयुक्त हो सकता है, स्त्रियों के द्वारा धन की हानि, कृपण एवं इनके दक्ष होने की बात भी इसमे आती है।
यवन जातक के अनुसार इस नक्षत्र मे जन्मा व्यक्ति पत्नी या प्रेमिका की अनुपस्तिथी के दुख से पीड़ित देखे जा सकते हैं। स्त्रियों से हानि उठाता है। ये पाखंडी या छल करने वाला भी हो सकता है, साहसी होने के साथ ही अधीर भी हो सकता है। इनमे दोषारोपण मे मगन होना या किसी वस्तुस्तिथी मे दोष देखने की तल्लीनता भी देखी जा सकती है।
1Rr- तैत्रेय ब्राह्मण के अनुसार पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का आधिपत्य अजा एकपद देव के पास है, इन्हे एकपद वाला सर्प देव भी कहा जाता है, इसमे यजमान उद्यम शक्ति का वास है जो व्यक्ति मे आध्यात्मिक उन्नति के लिए अग्नि संज्ञक है। इसका ऊपर की ओर आधार वो है जो मानव के लिए सही है, एवं इसका नीचे की ओर आधार वो है जो देवलोक के लिए सही है। इन से यहाँ सारे जगत के सहयोग की अपेक्षा को देखा जा सकता है , पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आंतरिक शुद्धता या मानसिक शौच से प्राप्त होने वाली जगत दृष्टि का भी द्योतक है ।
इस प्रकार ये कहा जा सकता है के ये नक्षत्र जीवन मे व्यक्ति को आध्यात्मिक उत्थान की ओर ले जाने के लिए स्वार्थ परायण होने की परिस्तिथियों से निकाल सकता है। अजा एकपद को पवित्र अग्नि या दैवीय ज्योति का एक रूप भी कहा जाता है। कुल मिलाकर ये आध्यात्मिक उत्थान का एक नक्षत्र है ।
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