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उत्तराषाढ़ा

व्यवसाय …. महावत पहलवान ,घोड़वान , हाथी पालने वाला अचल सम्पत्तियों का स्वामी, युद्ध प्रधान, ईश्वरभक्त, योगाभ्यासी, विलासी, तर्कपूर्ण सदव्यवहार का इच्छुक, अधिकारसत्ता का प्रेमी, आज्ञा देने वाला, विस्तृत मित्र समुदाय वाला, सज्जन नागरिक एवं व्यवस्थित ,, तर्कशक्ति …. विश्वास का पद, जायदाद, खान, आयकर अधिकारी, संपत्ति कर विभाग, वैज्ञानिक संस्थान, आवास वित्त विभाग, तकनीकी संस्थान, पुरातत्व विभाग, खंडहर, मूर्तियाँ, होम्योपैथी, लेखक इंजीनियर प्राचीन भाषा अनुसंधान, चर्म खाल उद्योग, गुप्तचर सेवा, रक्षक, अनुचर……..७९

व्रहमिहिर के बृहत जातक के अनुसार विनम्र, सचेत, पुण्यात्मा, सदाचारी, भद्र, प्रसिद्ध, अनेक मित्रों वाला, एवं कृतज्ञ होता है। 

यवन जातक के अनुसार उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मे जन्म व्यक्ति साधु समान, कृतज्ञ, नायकत्व, अनेक पुत्रों वाला, विनीत, आडंबरहीन होता है, एवं  इनको सुशील जीवन साथी प्राप्त होता है। तैत्रेय ब्राह्मण के अनुसार उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का आधिपत्य विश्वेदेवा के पास है, इसमे अप्राधृश्य शक्ति का वास है, जो अजेय शक्ति के दाता हैं। इसका ऊपर की ओर आधार विजयी होना है, और नीचे की ओर आधार वो लक्ष्य जिसपर जीत प्राप्त की जा सकती है। इन सबके समनव्य से अपराजेयता की ओर प्राप्ति संभव है। उत्तराषाढ़ा सहयोग प्रतिष्ठा और शक्ति के शिखर की ओर प्रशस्त करने का परिचायक नक्षत्र है, जिसमे अधिकांशतः व्यक्तिगत प्रयासों की अपेक्षा भाग्य एवं सभी दैवीय सीमाओं के अंतर्गत है। यहाँ हमारी विजय सदाचार या धर्म के मार्ग की ओर प्रशस्त होने से अधिक संभव है।

नोट ….ये लेख अभी पूर्ण नही है इस ब्लॉग पर उपलब्ध कुछ पन्नो को अतिरिक्त सम्पादन की आवश्यकता है अतः सम्पादन कार्य पूर्ण होने पर वो पुनः  यहाँ उपलब्ध होंगे  ….. ये एवं अन्य ऐसे ही लेख केवल ब्लॉग टेस्ट की अपेक्षा से अभी यहाँ मौजूद हैं।

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