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शनि के नक्षत्र मे पैदा हुए अधिकांश जातक प्रसन्नचित उन्नतिगामी, स्त्रियों के द्वारा विशेष सम्मान प्राप्त करने वाले, उदारचित, मुक्तहस्त, भावुक सोच विचार कर कार्य करने वाले, अकस्मात हानि के शिकार,और शत्रुओं से दुखी होते हैं, ऐसे जातक दैनिक कार्यों मे आलसी होते हैं, विद्याप्रेमी और उच्च अथवा सत्कुलीन आचरण वाले होते हैं, राज्य से इन्हे विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त होती है!॥ १४३
व्रहमिहिर के बृहत जातक के अनुसार उत्तरा भाद्रपद मे जन्म व्यक्ति समाज मे, सभा मे, अच्छा एवं सरस वक्ता होता है। सामान्यतः खुश रहने वाला अनेक पुत्रों पौत्रों वाला, शत्रुजयी एवं उदारचित होता है।
यवन जातक के अनुसार इस नक्षत्र मे जन्मा व्यक्ति बड़े कुनबे या वंश को प्राप्त करता है, वो एक अच्छा भाषण करने वाला वक्ता होता है, अपने शत्रुओं को पराजित करने मे सक्षम होता है। खुश एवं समृद्ध होता है अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित होता है। एवं सदा ….rr2
तैत्रेय ब्राह्मण के अनुसार उत्तरा भाद्रपद का आधिपत्य अहीर बुधन्य नामक परिमण्डल के सर्प देवता के पास है इसका ऊपर की ओर आधार बरसने वाले बादल और नीचे की ओर आधार भूमंडल पर उगने वाले पेड़ पौधे हैं। ये नक्षत्र विस्तार में विकास पाता है अर्थात अपनी सीमाओं मे सम्पूर्ण विश्व को लाभान्वित करता है इस प्रकार ये अत्यंत शुभ माना जाता है। अहीर बुधन्य को एक ऐसे शुभ देव के रूप मे मान्यता है जो वर्षा लाते हैं और भूमंडल की सृजनात्मक शक्तियों के साथ समन्वय करते हैं।