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आद्रा

प्रखर मस्तिष्क, पूर्वानुमान लगाने मे समर्थ, पूर्वभास पाने वाला, निष्कपट परंतु आलोचक, अध्ययनकाल मे बाधाओं का शिकार अच्छा चरित्र, पाठक ,स्त्रोतपूर्ण खोजी मस्तिष्क मिलावटी बंधन कार्य करने वाला, झूठा, क्रूर मस्तिष्क, कला अथवा कारीगरी मे प्रवीण, बेताल पिशाच तांत्रिक वशीकरण करने वाला, चारा अथवा भूसे के व्यवसाय से लाभ, विश्वासघाती,अभिचारी जादूगर, ओझा कृतघ्न, निंदनीय कार्य करने वाला, अपराध विज्ञान विशेषज्ञ, अपराधी पृवृति का, साहसिक कार्यों को करने मे सफल, मध्यवस्था मे अत्यंत कष्ट भोगने वाला॥ राहु के नक्षत्र मे पैदा हुए अधिकांश जातक मधुरभाषी सबसे प्रेम व्यवहार करने वाले वैद्य, अथवा मंत्रशक्ति के ज्ञाता, स्वच्छ हृदय गत कार्यों पर चिंता करने वाले हो सकते हैं! इस नक्षत्र के अंतर्गत आने वाले कार्य व्यवसाय अग्रलिखित हैं जैसे, बिक्री कर्ता, पुस्तक विक्रेता, भण्डारी, डाक तार कर्मचारी , संचार अथवा यातायात विभाग, अणु ऊर्जा शक्ति, एरियल, रेडियो , विज्ञापन प्रचार, लेखन कार्य, अनुसंधान, विज्ञान, खुदाई कार्य, दवा विक्रेता, मदिरा उद्योग अथवा मदिरा का कारोबार करने वाला, जाली अथवा बुनाई का कार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, सार्वजनिक नियुक्ति कार्य, सिनेमा, फोटोग्राफी, महाजन, सेठ, सूदखोर, यात्री राहजनी अथवा चोरों द्वारा पीड़ित, गाइड॥ 

आर्द्रा नक्षत्र के देवता रुद्र हैं, रुद्र के अक्षु भी कहते हैं इसमे यत्न शक्ति विद्यमान है, आखेटन और खोज आदि के कार्यों को भी इससे जोड़कर देखा जा सकता है, रुद्र यहाँ धनुष लिए हुए आखेटक को भी चिन्हित करता है जिसका अर्थ किसी लक्ष्य को भेदने से भी लगाया जा सकता है, लक्ष्य भेदने के लिए अच्छा लक्ष्यभेदक होने के साथ सामर्थ्य का होना भी आवश्यक है, इसके साथ ही रुद्र वन्य जीवों के भी देवता हैं,  नीचे की ओर इसका आधार लक्ष्य की प्राप्ति है, इस नक्षत्र को तामसिक माना जाता है, इसलिए इस नक्षत्र को थोड़ा निष्क्रिय माना जाता है, शिक्षा प्राप्ति के लिए उत्सुक, विनोदी स्वभाव, विदेश व्यापार, अनुसंधान कार्यों मे रूचि, 

आर्द्रा नक्षत्र के व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा भी हो सकता हैं, भावनाओं को स्वार्थ के वशीभूत व्यक्त करने से बचने की आदत, ये नक्षत्र किन्ही ऊंचे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है, किन्तु लक्ष्यों की प्राप्ति बिना दृढ़ संकल्पता और भाग्य के आलंबन के साथ ही संभव है। 

चन्द्र के आर्द्रा नक्षत्र मे होने को शत्रुओं के साथ युद्ध आदि, विष आदि से जुड़े कार्यों, प्रेत बाधा से मुक्ति के प्रयासों, विकट प्रकृति का नक्षत्र होने के नाते इसे युद्ध आदि मे सफलता के लिए भी देखा जाता रहा है, काराग्रह, अलगाव, विध्वंश के कार्य, शीर्षस्थ लोगों से संबंध विच्छेदन, एवं यात्राओं के लिए त्याज्य है। इस नक्षत्र के देवता रुद्र हैं रुद्र शब्द के अन्य अर्थ आक्रंदन विलाप आदि एवं विध्वंश के देवता के रूप मे भी लिया जा सकता है रुद्र को द्विस्वभाव या दो भागो मे विभाजित स्वभाव का माना गया है पहले वो उदंड उग्र थे किन्तु मिथिकीय संदर्भों मे उल्लेखित है के ब्रह्मा के द्वारा ध्यान के सूत्रों का प्रयोग करने के बाद वो शांत स्थिर स्वभाव को भी उपलब्ध हो गए। आद्रा शब्द के एक अन्य संस्करण आरुद्र का अर्थ वो स्थान जहां रुद्र जाते हैं या आगे बढ़ते हैं, इसके अतिरिक्त आद्रा का अर्थ नमी या आद्रता भी है और रुद्र के संदर्भों मे इसे वर्षा से बौछाड़ के बाद आयी आद्रता से भी लिया जा सकता है। रुद्र को विलाप या क्रंदन करने वाले के रूप मे भी लिया जाता है तो आर्द्रा को एक क्रोधित क्रंदित अश्रु बूंदों की मान्यता भी प्राप्त है।

नोट ….ये लेख अभी पूर्ण नही है इस ब्लॉग पर उपलब्ध कुछ पन्नो को अतिरिक्त सम्पादन की आवश्यकता है अतः सम्पादन कार्य पूर्ण होने पर वो पुनः  यहाँ उपलब्ध होंगे  ….. ये एवं अन्य ऐसे ही लेख केवल ब्लॉग टेस्ट की अपेक्षा से अभी यहाँ मौजूद हैं।

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