कार्य व्यवसाय
ज्योतिष में रोजगार या व्यवसाय कैसे जाने !?
सामान्यतः युवाओं द्वारा किसी भी ज्योतिषी से पूछे जाने वाले मुख्य प्रश्नों में रोजगार या व्यवसाय से जुड़े प्रश्न सर्वोपरि होतें हैं ऐसे में भाग्य से जुड़े विषयों पर गहन रुचि होने के नाते पिछले लगभग १२ से १४ वर्षो से ढेरो माध्यमों से संकलित अनुसंधानों का विस्तृत समय में अध्य्यन करने पर जो जानकारी मुझे हुई है, वो वेबसाइट के पाठको से साझा करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है!
मित्रों जैसा कि हम जानते हैं कि सभी मनुष्य रोजगार या व्यवसाय का चयन केवल इसलिए नहीं करते कि ये जीवकोपार्जन के लिए आवश्यक है, अलग अलग मनुष्य आवश्यकता के अनुरूप अपना जीवन यापन करने में सक्षम होते हैं, किन्तु कुछेक मनुष्यों की आवश्यकताएं इतनी अधिक होती हैं कि वो देश काल परिस्तिथि की सीमाएं लाँघ सकती हैं, ऐसे में हम बहुत से लोगों को उसी अनुपात में अच्छे या बुरे प्रयास करते पाते हैं! किन्तु किसी व्यक्ति के जीवन में कौन से मार्ग से किस प्रकार का धन का प्रवेश होगा इस प्रकार की जानकारी का बहुत कुछ अंदाज़ा ज्योतिष विषय के वृहद् अध्य्यन के बाद सक्षम ज्योतिष आसानी से लगा सकता है! ज्योतिष से न केवल इस बात का सूक्ष्म ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, कि किस ग्रह या तारामंडल के कारण कुंडली में किसी प्रकार के रोजगार की सम्भावना है व क्या वो ग्रह या तारामंडल रोजगार या व्यवसाय की जानकारी दे रहा है वो किसी प्रकार के कुमार्ग या भ्रष्ट आचरण होने की जानकारी भी दे रहा है, या केवल ऐसी संभावनाएं किसी दशा या महादशा काल में ही सीमित है, कुछ ग्रहों, नक्षत्रों व कुण्डलीं में उनके स्थान आदि से केवल छल कपट व द्रोह आदि की संभावनाएं अधिक दिखाई देती हैं, जबकि कुछ ग्रहों व नक्षत्रो के संयोग से इस बात को देखा जा सकता है, कि व्यक्ति के जीवन में आय की अधिक संभावनाएं तभी संभव हैं जब व्यक्ति लोगों (समाज) की आय से अंशदान प्राप्त हो, जैसे मंदिर, गिरिजाघर, ट्रस्ट या अन्य इसी प्रकार के धर्मस्थल आदि इसी प्रकार कुछ लोगों को अधिक श्रम से जुड़े कार्य करने पर भी थोड़ी बहुत आय का अर्जन हो पाता है!
रोजगार आय का विषय अवसरों व संसाधनों की उपलब्धता को भी छूता है, ऐसे में देश काल परिस्तिथि जैसे शब्दों का प्रयोग अनिवार्य हो जाता है! स्मरण रहे देश काल परिस्तिथि का भी अनुमान ज्योतिष व भाग्य से जुड़े अन्य गूढ़ विषयों के द्वारा लगाने के प्रयास हजारों वर्षो से ऋषियों मुनियों द्वारा किये गए हैं!
देश काल परिस्तिथि जैसे शब्दों का प्रयोग ज्योतिष द्वारा इस विषय की सामान्य भाषा के रूप में किया जाता है, क्योंकि जीवन की कोई भी परिस्तिथि ब्रह्मांडीय समय के बंधन से मुक्त नहीं है, ऐसे में मनुष्य का भाग्य उसके जीवन में आये “देश काल परिस्तिथि” जैसे शब्दों द्वारा भी प्रभावित होता है! जैसे प्राकृतिक आपदाएं व किसी स्थान में नेतृत्व की मूल विचारधारा या नेतृत्व में ही परिवर्तन ये सब भी ज्योतिष द्वारा अनुमानित होते हैं!
इस प्रकार किसी भी मनुष्य का निजी जीवन ५० प्रतिशत उसके स्वयं के भाग्य से व लगभग इसी अनुपात में ५० प्रतिशत देश काल परिस्तिथियों जिसमे मनुष्य यदि किसी समूह आदि का हिस्सा है, तो उस समूह के सामूहिक प्रयासों के रूप में व इसी प्रकार अन्य प्राकृतिक परिवर्तनों के संयोग से देखा जा सकता है!
जबकि इस विषय पर जितनी भी अल्प जानकारी मुझे है, उसपर मेरा निजी मत भी है! और वो है कि बहुत से मनुष्यों का जीवन ७० से ९० प्रतिशत तक भाग्य द्वारा संचालित होता है, और ऐसे लोगों का प्रारब्ध अपेक्षाकृत अन्य लोगों की तुलना में प्रभावशाली होता है!आने वाले समय में ढेरों व्यवसाय रोजगार या प्रमुखतः जितने संभव हो, उतने व्यवसायों आदि का सूक्ष्म अध्य्यन इस वेब ब्लॉग के माध्यम से करने का प्रयास करेंगे !
नोट ….ये लेख अभी पूर्ण नही है इस ब्लॉग पर उपलब्ध कुछ पन्नो को अतिरिक्त सम्पादन की आवश्यकता है अतः सम्पादन कार्य पूर्ण होने पर वो पुनः यहाँ उपलब्ध होंगे ….. ये एवं अन्य ऐसे ही लेख केवल ब्लॉग टेस्ट की अपेक्षा से अभी यहाँ मौजूद हैं।